Uttarakhand par kavita
Uttarakhand par kavita

देव भूमि उत्तराखंड

( Dev Bhoomi Uttarakhand )

 

ऋषि मुनियों की तपोस्थली बहती कल कल धारा
उत्तराखंड देवभूमि पावन हो जहां हिमालय प्यारा

 

ऊंची ऊंची पर्वत चोटियां पावन सरिताएं बहती
हसीं वादियां मनभावन कुदरत भी हर्षाती रहती

 

देवदार के वन घने जहां पर देव रमण को आते
फल फूलों से लदी धरा झोंके मस्त हवा के आते

 

देहरादून मसूरी भ्रमण है रमणीक चारों धाम यहां
केदारनाथ बद्रीनाथ गूंजे हर हर महादेव नाम यहां

 

धर्म और संस्कृति समाये उत्तराखंड की निराली शान
संगीत नृत्य कला कौशल में राज्य की अलग पहचान

 

अल्मोड़ा बागेश्वर चमोली पावन हरिद्वार है धाम
नैनीताल हरियाली शोभित मिलता जहां आराम

 

गंगा की पावन धाराये बलखाती इठलाती जाये
सुरम्य वादियां हरी-भरी बहारें मोहक मन भाये

 

सुंदर पुष्पों भरी घाटियां पंछी कलरव गीत सुनाते
पावन भूमि उत्तराखंड की वंदन कर सब मन हर्षाते

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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