आइसक्रीम

( Icecream )

आइसक्रीम तो सभी की पसंदीदा कहलाती है,
सर्दी गर्मी बारिश हर मौसम में खायी जाती हैं।

बचपन में मटका कुल्फी की टन टन हमें बुलाती थी,
उसके पास पहले पहुँचने की होड़ हम में लग जाती थी।

ऑरेंज, वनीला, रास्पबेरी मैंगो कितनी प्यारी लगती थी,
सॉफ्टी कोन की तो फिर भी बात ही अलग होती थी।

बड़े भी कभी कभार अक्सर बच्चे बन जाते हैं,
आइसक्रीम खाने के लिए वे भी तो ललचाते हैं।

वनीला और बटरस्कॉच से संतुष्टि कहाँ मिल पाती है,
अनगिनत फ्लेवर देखकर सब की नीयत फिसल जाती है।

कप-कोन और कैंडी अपनी ओर खींचती है,
चोकोबार फ्रॉस्टिक लेकिन पहली पसंद बनती है।

तरह-तरह की आइसक्रीम बनाने की रेसिपी मिल जाती है,
घर में बनी आइसक्रीम तभी तो ज़्यादा ललचाती है।

ब्लैक करंट, टूटी फ्रूटी, चॉकलेट चिप्स भी हमको भाती है,
ढेरों फ्लेवर्स देखकर तबीयत मचल-सी जाती है।

अब तो और भी वैरायटी देखने को मिल जाती है,
आम पना, शिकंजी, कोला हमें अपनी ओर बुलाती है।

कुछ गिनी-चुनी कंपनियों की आइसक्रीम फेमस कहलाती है,
राजभोग केसर पिस्ता अमेरिकन ड्राई फ्रूट मेहमानों को बेहद भाती है।

इतनी सारी कंपनी है फिर भी सबका स्वाद अनोखा है,
आइसक्रीम खाने का भला होता कब खास मौका है।

सिर्फ खाने की चीज नहीं रिश्तों का ये उपहार है,
गेट टूगेदर होने पर इससे बढ़ता दुगुना प्यार है।

कविता अच्छी लगी हो तो लाइक कमेंट जरुर करें,
चलो बहुत बातें हो गई अब आइसक्रीम खाने चलें।

कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’

सूरत ( गुजरात )

#sumitkikalamse

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