ख़ुद पर विश्वास क्यों नहीं करते | Kavita Khud Par
ख़ुद पर विश्वास क्यों नहीं करते
( Khud par vishwas kyon nahi karte )
ख़ुद पर विश्वास, क्यों नहीं करते?
जो करना है, आज क्यों नहीं करते ?
छूना चाहते हो आकाश यदि,
तो फिर तुम,प्रयास क्यों नहीं करते ?
कुछ भी नहीं , इस जग में असंभव।
इस बात पर, विश्वास क्यों नहीं करते ?
प्राप्त होगा निश्चय ही, जो तुमको पाना।
फिर पाने की, आस क्यों नहीं करते ?
माना ऊंचा है, बहुत सफलता का शिखर ।
तुम चढ़ने का, प्रयास क्यों नहीं करते ?
होगा वही ,जो तुम करना चाहो ।
फिर करने का विचार, क्यों नहीं करते ?
मिल जाता है सब, जो मांगो प्रभु से ।
उस प्रभु से अरदास , क्यों नहीं करते ?
ख़ुद पर विश्वास, क्यों नहीं करते ?
प्रगति दत्त
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