नया साल | Naya Saal Kavita
नया साल
( Naya saal )
नए साल का स्वागत है
नया साल अब आगत है
कोई सपनों का दीप जलाए
कोई अपनों को पास बुलाए
कोई सोवत कोई जागत है
नए साल का स्वागत है
साल पुराना था दु:खदाई
बहुत करोना किया तबाही
नया सुखी कुछ लागत है
नए साल का स्वागत है
समय का चलता कैसा फेरा
कभी रात कभी होत सवेरा
समय तेज बस भागत है
नए साल का स्वागत है
नया साल नव खुशियां लाएं
गीत सुमंगल के सब गाएं
यही दुआ बस मांगत हैं
नए साल का स्वागत है
स्वरचित मौलिक
रूपेश कुमार यादव
कवि : रुपेश कुमार यादव ” रूप ”
औराई, भदोही
( उत्तर प्रदेश।)
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