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फूलों का रंग
( Phoolon ka Rang )
फूलों का रंग लाल होता है।
खुशबू का रंग नही होता है।
बागो का रंग हरा होता है।
पर मोहब्बत का रंग नही होता।।
दिल का रंग लाल होता है।
करने वालों का रंग नही होता।
प्रेम दिवस का रंग लाल होता है।
लेकिन प्यार का रंग नही होता।।
जो करते है मोहब्बत को यारो।
उन्हें रंग का एहसास नही होता।
जिन्हें रंग से मतलब होता है।
उन्हें मोहब्बत नसीब नही होता।।
प्यार का रंग दिल पे चढ़ता है।
नशा प्यार में बहुत होता है।
जो आँखो में ही झलाकता है।
इसलिए आँखो आँखो में होता है।।
दिन रात फूलों में उलझे रहते है।
फूलों की कहानी खुद लिखते है।
और खुदको फूल भी कहते है।
इसलिए देकर मोहब्बत इजहार करते है।।
जय जिनेंद्र
संजय जैन “बीना” मुंबई