Talaash
Talaash

तलाश

( Talaash )

 

खड़े रहते हैं राह में, गम हरदम
खुशी की तलाश में, उम्र गुजर जाती है

बहुत मुश्किल है, यकीन कर पाना
अपनों को ही समझने मे उम्र गुजर जाती है

पसरा है फिजां मे, धुंआ भी कुछ इस कदर
मंजिल की तलाश मे ही, उम्र गुजर जाती है

खारों से भरे रास्ते हैं, गुलशन तक के
चमन तक पहुँचने में ही, उम्र गुजर जाती है

कर तो लेते हम भी दीदार, तेरे हुश्न का
मगर गहराई तक जाने मे, उम्र गुजर जाती है

रहे सलामत रोशनदान से, आती चांदनी
दीपक की लौ को समझने में ही, उम्र गुजर जाती है

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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