Poem samjhauta zindagi se

समझौता जिंदगी से | Poem Samjhauta Zindagi se

समझौता जिंदगी से

( Samjhauta zindagi se )

मात्रा भारत 12-12

 

डगर डगर पर हमने,
तूफानों को देखा।
समझोता जीवन में,
बदलता किस्मत रेखा।

 

रिश्तो में मधुरता हो,
प्रेम पावनता मिले।
पुनीत संस्कार अपने,
चेहरे सबके खिले।

 

औरों की खुशियों में,
बरसाओ नेह जरा।
जिंदगी रोशन मिले,
हर्ष से दामन भरा।

 

अपनों की खातिर भी,
बदलो परिपाटी को।
शोणित पुकारता है,
धरा हल्दीघाटी को।

 

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कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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