
कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान
( Kavitri subhadra kumari chauhan )
हिंदी की सुप्रसिद्ध कवियित्री व लेखिका थी आप,
स्वाधीनता संग्राम में बहुत बार जेल भी गई आप।
ढ़ेर यातनाएं सहकर कहानी का स्वरुप दिए आप,
असहयोग आन्दोलन में पहली महिला रही आप।।
बचपन से ही रुचि थी उनको लिखने में ये कविता,
राष्ट्रवाद में डूबी थी जिनकी लगभग सब कविता।
सुनकर जिन्हें लोगों के अंदर सैलाब सा आ जाता,
नौ वर्ष की उम्र में लिख दी उन्होंने प्रथम कविता।।
बचपन से ही स्वभाव में थी जो दबंग और बहादुर,
इलाहाबाद के एक छोटे गांव में जन्मी निहालपुर।
सुभद्रा कुमारी चौहान था उस महान स्त्री का नाम,
शादी रचाकर ठा. लक्ष्मण सिंह से गयी जबलपुर।।
अपनें जीवन में कई कहानियां एवं लिखी रचनाएं,
जो झांसी की रानी कविता से बहुचर्चित हुई सारे।
सबसे अच्छी मित्र थी इनकी कवित्रि महादेवीवर्मा,
समाज-सेवा हेतु भूला दिए व्यक्तिगत काज सारे।।
अशिक्षा अंधविश्वास कुप्रथा के विरूद्ध आप लड़ी,
आज़ादी के आंदोलन में आप सर्वदा खड़ी है रही।
सुभद्रा कुमारी चौहान जहाज नाम नौसेना ने दिया,
वीर रस व बाल कविताएं कहानियां लिखती रही।।
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