नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना | Khafa shayari
नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना
( Nahi dil tu kabhi apna khafa rakhna )
नहीं दिल तू कभी अपना ख़फ़ा रखना
मुहब्बत का हमेशा वास्ता रखना
हमेशा साथ रहना हम सफ़र बनकर
नहीं मुझसे कभी खुद को जुदा रखना
मुसीबत दूर तुझसे ही रहेगी हर
लबों पे रोज़ तू अपनें ख़ुदा रखना
नहीं देना रवानी तू दग़ा की ही
हमेशा दिल बसाये बावफ़ा रखना
चला करना वफ़ा तू हर कदम बनकर
नहीं मुझसे कभी तू फ़ासिला रखना
कभी तू भूल नहीं जाना दिल से मुझको
हमेशा मिलनें का तू सिलसिला रखना
न देना चोट आज़म को अदावत की
मुहब्बत से हमेशा दिल भरा रखना