Khwab

ख्वाब | Khwab

ख्वाब

( Khwab) 

 

चाहते हो यदि ऊंचाई को छूना
तो रखना याद एक बात सदा
हर ऊंचाई के ऊपर भी ,होती है
एक और ऊंचाई
और उसी का नाम आपकी
सफलता है…

जमीन से ऊंचाई का सफर
सीधा नही होता
ठहराव के कई सराय
आते हैं मध्य राह मे
बहुत ही आकर्षक,लुभावने
और मनोरंजक गलियारे
जो रोक लेते हैं
अपने बहुपाश मे
और आप अपने लक्ष्य की ऊंचाई तक
पहुंच ही नहीं पाते….

भटकती निगाहें
पेड़ से आंख ही नही बल्कि
चिड़िए को ही अदृश्य कर देती हैं
और आप उम्र भर लक्ष्य से दूर
मध्य मे ही उलझे रह जाते हैं
ख्वाब को सीने मे दबाए आखिरी पड़ाव तक
क्योंकि उम्र और समय
दुबारा मौका नहीं देते….

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

बढ़ते रहिए | Badhte Rahiye

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *