Khwab aur khwahishon ke kaidee
Khwab aur khwahishon ke kaidee

ख्वाब और ख्वाहिशों के कैदी

( Khwab aur khwahishon ke kaidee )

 

विधा मनहरण घनाक्षरी

 

ख्वाबों खयालों में तुम,
समय मत गंवाओ।
हुनर प्रतिभा दिखा,
सफलता पाईये।

 

स्वप्न सजाकर कोई,
ख्वाहिशों के कैदी बने।
हकीकत की धरा पे,
संभल के जाइए।

 

तमन्ना और ख्वाहिशों,
के जाल बुनते रहे।
सपने सुरीले कोई,
मधुर सजाइए।

 

कामना उर उमड़े,
इच्छाएं बलवती हो।
प्रेम के मोती जहां में,
प्यार से लुटाइए।

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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