Khyal

ख्याल

( Khyal ) 

दिल में खयालों का तूफान है
पर, हकीकत की ओर ही रुझान है

चीज़े कुछ संभालती है,
तो कुछ हाथ से फिसल भी जाती हैं

जिंदगी का यह मोड़ कभी दोस्त बन जता है
तो कभी दुश्मन सा सताता भी है

कुछ बाते समझ में नहीं आती
लेकिन जिम्मेदारीयोँ की ओर बढ़ाती

यू तो मुस्कुरा लेती हूँ
मगर तन्हाई कहाँ हसाती है

जिंदगी की राहें बहुत परेशान करती हैं
यू जिम्मेदार होना सिखाती हैं
मगर तूफान भी दिल में बैठाती हैं
सच!
जीम्मेदारियाँ बहुत सताती है…

 

नमी आंखे

सहम जाती है आंखे मेरी
देखकर नए मोड़ की तस्वीर
डर जाती है आंखे मेरी
जिम्मेदारियों के दल दल से

यू तो खुदसे वादा है
सब संभालने का इरादा है
थक जाती है आंखे कभी
होती है जब मुझ में कमी

जिंदगी शिकायत तो कुछ नही
बस दर जाता है दिल
सहम जाती है आंखे

कभी आंखे भीग जाती है,
अल्फाज दिल पर हावी भी होजाते है

नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)

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