म्हानै बोलण दयो सरकार
( राजस्थानी कविता )
म्हानै बोलण दयो सरकार, म्हारी भाषा राजस्थानी।
बहवै मिसरी सी रसधार, जिकी दुनिया है दीवानी।
म्हानै बोलण दयो सरकार
ई माटी रो घणों रूतबो, म्हारी मायड़ राजस्थानी।
रण बांकुरा जनम्या जठै, कूदी जौहर म राणी।
तलवारां रो जोश जठै, गूंजै महाराणा री हूंकार।
पन्ना रो बलिदान जठै, संता सूरां री भरमार।
म्हानै बोलण दयो सरकार
ऊंच नीच अर काण कायदो, भाईचारो हेत घणों।
आन बान शान सूं जीणो, माटी जाणै मिनखपणो।
घूमर घालां गिंदड़ खेलां, मिलर मनां लेवां त्यूंहार।
शेखावाटी ठाठ बाट सूं, घणी करां थारी मनुहार।
म्हानै बोलण दयो सरकार
धोती कुरतो पगड़ी बागां, बैरिया सूं लड़बा भागां।
मीठा बोल प्रीत बरसावां, सरहदां प रात्यूं जागां।
मायड़ भासा हेत निभावां, करां भावां रो सतकार।
इमरत रस री झड़ी लागरी, बरसै मोत्यां री फुहार।
म्हानै बोलण दयो सरकार
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )