किसी से नहीं अब रही आस बाकी
किसी से नहीं अब रही आस बाकी
किसी से नहीं अब रही आस बाकी।
रहा अब कहीं पर न विश्वास बाकी।।
मिटे प्यार में इस तरह हम किसी के।
जलाने की ख़ातिर नहीं लाश बाकी।।
वफा की बहुत पर हुआ कुछ न हासिल।
नहीं कुछ हमारे रहा पास बाकी।।
गए छौङ वो बीच रस्ते में हमको।
मुहब्बत में डूबे रही प्यास बाकी।।
भुलाना तो चाहा था यादें पुरानी।
चुभी दिल में फिर भी रही फाँस बाकी।।
हुए इस कदर वो बहुत दूर हमसे।
कभी लौटने की नहीं आस बाकी।।
न अब लौट आने का रस्ता तकेंगे।
रहेगी ये जब तक मिरी साँस बाकी।।
बडे पेङ सब ढह गए आंधियों में।
बिछी रह गई जो बची घास बाकी।।
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