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कविता श्रृंखला हमारे शहर में
कविता श्रृंखला हमारे शहर में हमारे शहर में बहुत सारे लोग अल्पाहारी हैं साथ ही शुद्ध शाकाहारी हैं. वे लहसुन -प्याज नहीं खाते हैं मगर रिश्वत खाने से बाज़ नहीं आते हैं. तल्ख़! क्या तुमको पता है? रिश्वत सरकारी है रिश्वत सहकारी है रिश्वत तरकारी है रिश्वत खाने वाला ही एकमात्र विशुद्ध शाकाहारी है….. …

फूल | Phool kavita
फूल ( Phool kavita ) –> ये फूलों का संसार, ये फूलों का संसार || 1.फूलों का संसार बेहद रंगीन, सुंदर सुगंधित रहता है | फूलों के साथ जीना सीखो, हर फूल कुछ तो कहता है | लाल-गुलाबी-सफेद-जामुनी, कुछ सतरंगी होते हैं | कुछ तो होते बड़े सुनहरे, कुछ छोटे-छोटे होते हैं | –>…

जो अम्बेडकर को पढ़ेगा
जो अम्बेडकर को पढ़ेगा पूरी ईमानदारी से- जो गाँधी और मार्टिन को पढ़ेगा, वो सत्य-अहिंसा का मार्ग चुनेगा; जो भगत और चे को पढ़ेगा वह निश्चित ही क्रांति करेगा; जो लोहिया व लेनिन को पढ़ेगा वो समाजवाद की दुनिया रचेगा; जो सावित्रीबाई-टरेसा को पढ़ेगा वो शिक्षा-सेवा का पथ चुनेगा; जो सुकरात-पेरियार को पढ़ेगा, वह…

तुम भा गए हो हमको कसम से
तुम भा गए हो हमको कसम से तुम भा गए हो हमको कसम से। तुम्हे चुरा ले कोई ना हम से।। बनके तसव्वुर से हौले-हौले। दिल में बसे हो आकर के छम से।। कितना पुराना है अपना नाता। मिलते रहे हो जन्मो जन्म से।। है जगमगाता तेरा ये मुखङा। हो चांद…

तर बतर. | Tar Batar
तर बतर. ( Tar batar ) घुल जाने दो सांसों मे सांसे अपनी यूं ही ये जिंदगी तर बतर हो जाए तेरी बाहों के आलिंगन मे रहूं सदा तेरे साए मे जिंदगी बसर हो जाए न खौफ जमाने का सताए मुझे न कभी दूर तू जाए मुझसे धड़कते रहें यूं ही दिल हरदम शिकवा…

गुलाबी रंग | Gulabi Rang par Kavita
गुलाबी रंग ( Gulabi rang ) उत्साह उमंग हर्ष जगाता मन में खुशियां लाता। रौनक लाता गुलाबी रंग ओजस्वी सबको भाता। महकते गुलाब सा, जब खिल उठा मन मेरा। हंसी होठों पर छाई, खूब दमक उठा चेहरा। मधुबन में बहारों की, मधुर मधुर चली पुरवाई। मस्ती का आलम छाया, खुशियों की घड़ी आई। नई-नई…