Maa ki Yaad Kavita
Maa ki Yaad Kavita

आती याद बहुत तू माँ

( Aati yaad bahut tu maa ) 

 

परदेश में ही आती याद बहुत तू माँ
तेरे बिन आंखों में ही है आंसू माँ

सांसें चलती है जीवन की तुझसे
तू मेरी सांसों की ही वो ख़ुशबू माँ

लूँ कैसे सांसें तेरे बिन मैं तो अब
सांसों में मेरी हर वक़्त बसी तू माँ

तेरी उल्फ़त का ही असर था ऐसा
मेरी और न आये नफ़रत की बू माँ

ख़्वाब मगर कुछ ऐसे आये अब तो
लगता यूं के जैसे बैठी पहलू माँ

दूर हुई है जब से तू ऐ माँ मुझसे
नज़रें ढ़ूँढ़े है गीता की हर सू माँ

 

गीता शर्मा 

( हिमाचल प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

पापा | Poem on papa in Hindi

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here