मधुर अहसास

( Madhur ehsaas )

 

अलौकिक स्पंदन से,अभिस्वीकृत अर्चनाएं

मृदुल मधुर अहसास,
विमल उर श्रृंगार ।
चाहत पर राहत,
भाव कूप मन आगार ।
अपनत्व अनूप संबंध,
सादर अर्पित याचनाएं ।
अलौकिक स्पंदन से,अभिस्वीकृत अर्चनाएं ।।

आकलन निज भूल त्रुटि,
बेझिझक अब स्वीकार ।
दृढ़ संकल्प भावी जीवन ,
अनैतिक कृत्य दुत्कार ।
आदर्श चरित्र कल्पना,
भर सद्गुणी अल्पनाएं ।
अलौकिक स्पंदन से,अभिस्वीकृत अर्चनाएं ।।

ऊर्जस्वित कदम प्रवेश,
आस्था आराधना स्थल ।
घट पट खोल स्तुति ,
परिवेश आध्यात्म नवल ।
शब्द स्वर मौन भावार्थ ,
स्पंदित संपूर्ण अभ्यर्थनाएं ।
अलौकिक स्पंदन से,अभिस्वीकृत अर्चनाएं ।।

परमात्मिक मिलन बेला,
दिव्य भव्य सेतु बंध ।
जीव जंतु प्रकृति संग ,
नेह भरा अप्रतिम अनुबंध ।
सेवा समर्पण परिणाम प्रभाव,
परम बिंदु समीप अर्थनाएं ।
अलौकिक स्पंदन से,अभिस्वीकृत अर्चनाएं ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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