मैदान-ए-जंग में | Maidan-e-jung par Kavita
मैदान-ए-जंग में
( Maidan-e-jung mein )
मैदान-ए-जंग में जब उतर पड़े रणधीर।
हर हर महादेव गूंजे ले हाथों में शमशीर।
वंदेमातरम वंदेमातरम बोल रहे रणवीर।
महासमर में महारथी कूद पड़े सब वीर।
आजादी का बिगुल बजे तीरों पे चले तीर।
जान हथेली पे लेकर जब बढ़ चले महावीर।
शौर्य पराक्रम ओज भर मैदान में बलबीर।
रण कौशल संग्राम में दिखला रहे हैं वीर।
भारतमाता के जयकारे बरस रहे हैं वीर।
रणभूमि में रणयोद्धा लड़ते युद्ध रणवीर।
महाबली महा योद्धा शूरमां औ शूरवीर।
शीश काट चढ़ा देते बलिदानी बलवीर।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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