किशोर वय लड़कियों को प्यार से समझाएं!
किशोर वय लड़कियों को प्यार से समझाएं!

किशोर वय लड़कियों को प्यार से समझाएं!

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किशोर वय लड़के-लड़कियां हार्मोनल दबाव में होते हैं,
शारीरिक बदलाव और मानसिक चुनौतियों का सामना कर रहे होते हैं;
लड़कियों में कुछ ज्यादा ही होते हैं।
अल्पायु में ऐसे बदलाव उन्हें चिड़चिड़ा बनाती है,
अपनी समस्याएं बताने के बजाए छुपाती हैं।
किसी से नहीं बतातीं है,
गुमसुम सी हो जातीं हैं।
बात बात पर गुस्सा करतीं हैं,
जरा सा कोई बोल दे , दिल पर ले लेतीं हैं।
ऐसे समय में उन्हें प्यार और प्रोत्साहन की जरूरत है,
विश्वास में लेकर समझाने की जरूरत है।
कुछ ऐसे ही…
यूं गुमसुम न रहा करो,
कुछ बात है तो कहो ?
जो हमीं से छुपाओगी तो
किसे बताओगी?
छुपाओ नहीं बताओ!
धीरे से,कान में ही कह जाओ।
पर बताओ…
मैं कुछ तरकीब निकालूंगी,
हल ढूंढने की कोशिश करूंगी।
देखूंगी , ज्यादा नुकसान नहीं हो,
आखिर तुम बेटी हो कोई परायी नहीं हो।
तुमसे मेरा भी है सरोकार
करती हूं बेहद प्यार।
जो नहीं बताओगी तो..
स्वयं का नुक़सान कर सकती हो?
स्वयं रोओगी और पछताओगी,
साथ हमें भी दुःख देकर रूलाओगी।
जीवन का तजुर्बा नहीं है तुम्हें,
इसी दौर से कभी गुजरी हूं मैं।
सही ग़लत का मुझे है पहचान,
इन दिनों की समस्या से नहीं हूं अंजान।
सही सलाह दूंगी तुझे,
मां हूं,
शत्रु नहीं सखा हूं..
तेरी परेशानियों की जानकारी है मुझे।
तनाव ना करो, यह आम बात है,
ऐसा होता सबके साथ है।
केवल स्वच्छता का ध्यान रखना,
स्वास्थ्य ही जीवन का है गहना ।
जानती हो?
किशोरवय लड़के-लड़कियों की-
आकांक्षाएं, महत्त्वाकांक्षाएं
जज्बातों पर भारी पड़ती हैं,
अभिभावकों की अनदेखी कर गलत निर्णय ले लेतीं हैं।
शारीरिक बदलाव झेलती बेटियां..
हार्मोनल परिवर्तन को झेल नहीं पातीं हैं,
मर्यादा के विरुद्ध कदम उठा लेतीं हैं।
जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है,
तुम्हारे भविष्य के लिए सुरक्षित नहीं है।
अभी सारा फोकस पढ़ाई पर करो,
शारीरिक बदलावों की चिंता छोड़ो।
यह नई बात नहीं,
सबके साथ होता है यही।
कुछ असामान्य लगे तो मुझसे पूछो,
समय से भोजन करो, खुश रहो ।
समय आने पर सब समझ जाओगी,
उच्च शिक्षा के बाद ब्याह दी जाओगी।
अभी पढ़ाई पूरी कर लो,
अनुभव हासिल कर लो।
भविष्य में यही काम आएंगे,
आनेवाली जिंदगी सुखमय बनाएंगे।

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नवाब मंजूर

लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर

सलेमपुर, छपरा, बिहार

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