वो अगर बेवफ़ा नहीं होता!
वो अगर बेवफ़ा नहीं होता!

वो अगर बेवफ़ा नहीं होता!

( Wo agar bewafa nahi hota ) 

 

 

वो अगर बेवफ़ा नहीं होता!

दिल मेरा गमज़दा नहीं होता

 

यूं न जीते हम भी उदासी में

वो अगर जो  जुदा नहीं होता

 

कर लेता बात पे यकीं उसकी

धोखा उसने करा नहीं होता

 

दोस्ती की देते मिसालें सब

दुश्मनी से  भरा नहीं होता

 

साथ देते हम हर कदम उसका

जो करा फ़ासिला नहीं होता

 

बात करनी न छोड़ता उससे

तल्ख़ उसने कहा नहीं होता

 

शहर आज़म न छोड़ता उसका

वो पराया हुआ नहीं होता

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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