मैं मरूँगा | Kavita main Marunga
मैं मरूँगा
( Main Marunga )
मैं नहीं मरूँगा
किसी सड़क दुर्घटना में
नदी या तालाब में डूब कर !
मैं नहीं मरूँगा
किसी ज़हर के सेवन से
या नशे का आदि होने से !
मैं नहीं मरूँगा
पँखे से लटक कर
या किसी पेड़ पर झूल कर !
मैं नहीं मरूँगा
घरेलू कलह से व्यथित होकर
या अग्नि में झुलस कर !
देखना…..
एक दिन मैं मरूँगा
आत्मिक प्रियजन को स्मरण करके !
मैं मरूँगा
आत्मीय स्वजन के
न मिल पाने के दंश से
उनके बिसरा देने से….!
कवि : सन्दीप चौबारा
( फतेहाबाद)
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