मैं फक्र से कहता है | Main Phakr se Kahata hai
मैं फक्र से कहता है
( Main phakr se kahata hai )
मेरे पास भी दोस्त है,
अंधेरी रातो मे खड़ा मेरा प्यार है,
मुझे रोशनी देता वह चाँद है ।।
हाँ मै चाँदनी नहीं,
मैं तो फूल ह जिसे पाने उसने
काटो से रिश्ता जोड़ा है ।
मेरे पास दोस्तों की महफिल नही
मेरा दोस्त ही मेरी महफिल है
चाँदनी रात मे खड़ा है मेरे साथ चलता है
बेशक मेरे पास नही ,
उसकी रोशनी की कारणों से मुझे लपेटता है।
मै भी फक्र से कहता है मैं भी चाँद से दोस्ती रखता हू
मैं उसके साथ नही मगर उसके खुशबु से टकराता हु
नौशाबा नौशाबा जिलानी सुरिया
सूरिया ( महाराष्ट्र )