Poem in Hindi on tareef
Poem in Hindi on tareef

तारीफ

( Tareef )

 

तारीफ में ताकत होती तारीफें खुलकर करते हैं।
मंजिलें मिलती उनको जो तूफानों में चलते हैं।

अटल इरादा ठानकर सफल इंसान होता है।
ठोकरें खाकर ही मंजिलों का ज्ञान होता है।

लगन मेहनत ही छू पाती सफलता के शिखर को।
दुनिया में हर मुकम्मल का सदा सम्मान होता है।

जो डटे रहे तूफानों में लेते मुश्किल से लोहा।
वीर योद्धा का जग में सदा गुणगान होता है।

जोश जज्बा हिम्मत के दम बढ़ चले जो राह में।
मंजिलों को पथिक का अक्सर ध्यान होता है।

सपने सच वही कर पाते लक्ष्य साधते चलते।
मुकम्मल इरादों का जिनको अनुमान होता है।

तारीफों के पुल बांधे कोई गिरा ना दे कहीं पर।
विनय हर सफलता का पहला निशान होता है।

मुकम्मल हर शख्स हो जाए आरजू है यही मेरी।
वतनपरस्ती हौसलों पे देश को अभिमान होता है।

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

यह वक्त भी निकल जाएगा | Kavita ye waqt bhi nikal jayega

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here