
14 जनवरी को मकर संक्रांति
( 14 january ko makar sankranti )
नए साल का प्रथम-पावन त्योंहार यही कहलाता,
प्रत्येक वर्ष जनवरी में जो 14 तारीख को आता।
इसदिन ही सूर्य धनु राशि से मकर राशि में जाता,
इसलिए सब जप तप दान स्नान को महत्व देता।।
इस महिनें में हमारी त्वचा सर्दी से रुखी हो जाती,
साथ ही बहुत बिमारियां शारीरिक घर कर लेती।
जिसमें सूरज की किरणें औषधि का काम करती,
धूप के संग पतंगबाजी, प्रतियोगिताएं की जाती।।
गंगानदी का अवतरण भी इस रोज़ धरा पर हुआ,
इन असुरों का अंत हरि विष्णु ने इस रोज़ किया।
जिसको भिन्न-भिन्न नामों से जाना पहचाना गया,
लोहड़ी पोंगल उत्तरायण व सन्क्रान्ति नाम दिया।।
हिन्दू धर्म में हर महिनों को बांटा गया दो पक्षों में,
जिनका नाम कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष है ग्रन्थों में।
इसी तरह एक वर्ष को भी बांटा गया दो भागों में,
जिनको कहते उत्तरायण-दक्षिणायन ज्योतिष में।।
इन्हें ही शीतकालीन ग्रीष्मकालीन संक्रांति कहते,
जो आमतौर पर छः माह के समय तक है चलतें।
पौष माह में सूर्य देव जब मकर राशि पर है आतें,
तब मकर संक्रांति त्योंहार हम सब मनाया करतें।।