मन की बातें 
मन की बातें 

मन की बातें 

( Man ki baten : Heart touching kavita )

 

क्या कहूँ कैसे कहूँ तुम्हें मैं

मन की बात कही ना जाए

ना जाने बार बार

मेरे कदम क्यों थम से जाते हैं

जब भी गुजरना चाहता हूं तुम्हारे शहर से

पल दो पल के लिए ना सही

जनम जनम का साथ

निभाने की कसमें खाई हैं हमने

फिर भी मन की बात कही ना जाए

तुम अपना नहीं है

अपने से भी बढ़कर है वो

जान से बढ़कर जान हो

ये दिल ही जानता है

फिर भी ये दिल जार जार चाहता है

तुम सामने नहीं मेरे

पर सामने ही नजर आती है

हकीकत ना सही

पर तुम रोज ख्वाबों में गुजरती हो

फूलों जैसी नाजुक हो

नाजुक कली सी कशिश नजर आती है

जब भी देखता हूँ कोई फूल गुलाब का

मुझे तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है

तुम्हारी मुस्कुराहटों से

खिलती है बागों में कलियाँ

छा जाती है खुशियां बहारों में

मन की बातें नही कह सकता तुम्हें

सोनू तुम ही मेरी एहसास हो

जब भी मेरी रूह

तुम्हारे रूह को स्पर्श करती है

मेरा रूह तुम्हारी रूह से गुजर जाता है

एक दिव्यता का सा सुकून मिलता है

मन की बात कही ना जाए मुझसे

तुम मेरी रब हो

तुम खुदा हो मेरी इबादत है

मेरी साँसे उसकी सांसों होकर गुजरता है

?

मन की बातें

कवि : राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ” राज “

प्राचार्य
सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय,
बागबाहरा, जिला-महासमुन्द ( छत्तीसगढ़ )
पिनकोड-496499

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