Manav Adhikar Divas

मानव अधिकार दिवस

( Manav Adhikar Divas )

 

मानवता के मूल में, देवत्व का परम भाव

लख चौरासी योनि श्रंखला,
मनुज अवतरण विशेष ।
नैतिक आभा शीर्ष पद,
चाह सर्वत्र आनंद अधिशेष ।
हिय अनुभूत परस्पर स्वर ,
दया अनुग्रह अपनत्व छांव ।
मानवता के मूल में, देवत्व का परम भाव ।।

सृष्टि हर प्राणी अनूप,
सर्व जन्म अलौकिक गाथा ।
मानव स्थान नित सर्वश्रेष्ठ,
सेवा गौरव शोभित माथा ।
पर खुशियां अति महत्ता,
नेह अनुबंध सहयोग चाव ।
मानवता के मूल में, देवत्व का परम भाव ।।

स्वास्थ्य सामाजिक आर्थिक सह ,
शिक्षा सर्वजन मौलिक अधिकार ।
समता मूलक भव्य पथ,
भेदभाव पूर्ण नीति धिक्कार ।
स्वाभिमान संचेतन प्रेरणा,
सदाचारिता परक बर्ताव ।
मानवता के मूल में, देवत्व का परम भाव ।।

स्वतंत्रता समानता न्याय,
मानव सुरक्षा अहम बिंदु ।
स्नेह प्रेम भाईचारा अथाह,
आत्मीयता वंदन जग सिंधु ।
सर्व सुख वैभव कामना,
रज रज आनंद अनंत बहाव ।
मानवता के मूल में, देवत्व का परम भाव ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

यह भी पढ़ें:-

वैदिक श्रेय श्री वंदन | Vaidik Shrey Shree Vandan

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here