
मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा
( Mat hona tu kabhi bhi juda sahiba )
मत होना तू कभी भी जुदा साहिबा !
तू मेरे साथ रहना सदा साहिबा
तू नहीं करना मुझसे दग़ा प्यार में
जिंदगी भर निभाना वफ़ा साहिबा
बेवफ़ाई से भरना नहीं दिल कभी
उम्रभर रहना तू बावफ़ा साहिबा
तू गया मिलके जब से मुझे प्यार में
ख़्वाब तेरा ही आता रहा साहिबा
फ़ूल देना सदा प्यार का तू मुझे
मुझसे करना नहीं तू गिला साहिबा
हर क़दम पे चलना साथ मेरे सदा
मत करना तू कभी फ़ासिला साहिबा