Mausam hai Pyar ka
Mausam hai Pyar ka

मौसम है प्यार का

( Mausam hai pyar ka )

 

रूत की बहार का सावन की फुहार का।
आजा सनम आ जा मौसम है प्यार का।
मौसम है प्यार का

प्रीत की फुहार का बस तेरे इजहार का।
पायल की झंकार का मेरे दिलदार का।
महकती वादियों में हसीं गुल गुलजार।
खिल गया दिल झौंका मस्त बयार का।
मौसम है प्यार का

प्रेम की रसधार का कली कचनार का।
उमंगों की बहार का है तेरे इंतजार का।
दिल के दरवाजों से मन के दरबार का।
पलकें राहें सजती स्वागत सरकार का।
मौसम है प्यार का

साज सितार का संगीत सुरबहार का।
तेरे मेरे प्यार का प्यार के इजहार का।
जुड़े हैं तार दिल के गीत दिलदार का।
मधुर हंसी प्यारी तराना मेरे यार का।
मौसम है प्यार का

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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