मेरा आबाद वतन
( Mere aabad watan )
देश मेरा सबसे अच्छा कैसे मैं बयां करूं,
मोहब्बत का पाठ पढ़ाएं कैसे मैं बयां करूं।
उजली जमीन खिला है आसमान खुश नहरें बाग,
ऐसा मुल्क को मैं कैसे अपने आप को अलग नयां करूं।
ना मज़हब के झगडे ना ऊंच नीच में भेद है यहां,
ना काला गोरा का झगड़ा ना जात पात का फेर यहां।
अलग-अलग संस्कृतियों में समावेश देश सिर्फ एक है,
अलग-अलग रीति रिवाज और त्यौहार फिर भी देश एक है।
आजादी के आन्दोलन किसान मजदूर ने लड़े डटकर,
नेताओं ने भी हिस्सा लिया था इसमें बढ़-चढ़कर।
खान पान और पहनावे भी अलग-अलग फिर भी एक है,
गाना बजाना सुर ताल भी अलग-अलग फिर भी एक है ।
तिरंगा हमारे देश की पहचान और खूबसूरत इसकी शान है,
अशोक चक्र वीरता का प्रतीक यह हमारा मुल्क हिन्दुस्तान है।
खान मनजीत भावड़िया ने भी फख्र है मुल्क हिन्दुस्तान ,
सदा आबाद , जवान और खुशहाल रहे मेरा मुल्क हिन्दुस्तान।
मनजीत सिंह
सहायक प्राध्यापक उर्दू
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ( कुरुक्षेत्र )