मेरी तनहाई | Meri Tanhai
मेरी तनहाई
( Meri Tanhai )
दिल के अन्दर है मेरी तनहाई
गहरा सागर है मेरी तनहाई
क़द्रो-क़ीमत न कोई अश्कों की
जैसे पत्थर है मेरी तनहाई
हो ज़माना भले सितमगर यह
इक सिकंदर है मेरी तनहाई
वो उजाला करे उदासी में
इक दिवाकर है मेरी तनहाई
यादें तेरी अगर हैं नश्तर सी
मेरी दिलबर हैं मेरी तनहाई
ओढ़ती और मैं बिछाती हूँ
एक चादर है मेरी तनहाई
साथ देती है हिज़्र में मेरा
सबसे बेहतर है मेरी तनहाई
हुक्म हर मानती हूँ मैं मीना
मेरा अफ़सर है मेरी तनहाई
कवियत्री: मीना भट्ट सिद्धार्थ
( जबलपुर )
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