आधुनिक युग विवाह का चलन | मनहर घनाक्षरी छंद
आधुनिक युग विवाह का चलन
सुनो जी बात राज की
व्यथा कहूं मैं आज की
शादी वाले घर पर
काज करवाते हैं
बन्ना देखो हीरो लागे
बन्नी जी हीरोइन लागे
सौंदर्य घर जाकर
साज करवाते हैं
शादी के जी रश्म रीत
भूले हैं शगुन गीत
चूल्हा चौका सारे काम
दूजा कर जाते हैं
बड़ी शर्म हया गया
फैशन है नया-नया
सड़क पे मां बीवी को
नाच करवाते हैं
डॉ बीना सिंह “रागी”
( छत्तीसगढ़ )