खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो | Ghazal
खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो
( Khuda ki likhi koi tahreer tum ho )
खुदा की लिखी कोई तहरीर तुम हो
या किसी भूले ख्वाब की ताबीर हो तुम
तस्सव्वुर में आये किसी ख्याल की तदबीर हो
या तकाज़ा मेरी तकदीर का हो तुम
मेरी किसी तमन्ना की जैसे तासीर तुम हो
या दिल में बसी कोई पुरानी तस्वीर हो तुम
तलब़ भी है तुम से, तकरार भी हो तुम
तौफ़ीक भी तुम ,जीने की वज़ह भी हो तुम
तक़वा है कुछ, और कुछ तूफान से है डर
वरना तक्सीर कर कुछ ऐसा, तर’दमान हो जायें हम..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
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