मौसम क्यों बदलता है

मौसम क्यों बदलता है

कभी-कभी ख्याल आता है
मौसम क्यों बदल जाता है
फागुन का सुहाना मौसम भी
जेठ में क्यों जल जाता हैl

जमाना बदलता है हर रोज
ठिकाने बदल जाते हैं
मौसम बदलता है जब कभी
दीवाने बदल जाते हैं।

जो याद करते हैं कभी
वह कभी याद आते हैं
कौन अपना कौन पराया
सब कहने सुनने की बातें हैं।

जिंदगी जब तक चलती है
सारा जमाना चलता है
मुट्ठी भरी थी कभी जिसकी
कभी हाथ मलता है।

कवि :  रुपेश कुमार यादव ” रूप ”
औराई, भदोही
( उत्तर प्रदेश।)

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