Rishton ka Farz

उत्तरदायी

( Uttardayi )

 

आज की मत सोचिए
वह तो आपका ही है,आपके सामने है
और आपसे ही है
आज के साथ मिलकर कल को गढिये

क्योंकि,
यही कल जब लौटेगा कभी
आज बनकर
तब वह अकेला नहीं होगा
उसके साथ होंगे अनेकों प्रश्न
अनेकों उदाहरण और प्रसंग

जिनका उत्तर देना होगा तुम्हें
या फिर आपकी पीढ़ियों को
आपके चहेतों को

आप भले रहे या ना रहें
तब भी ,आप अपने इतिहास को नहीं बदल सकते
आप स्वयं आज साक्षी हैं बीते हुए कल के
यही कल भी उभरेगा आपके आज का साक्षी बनाकर

जिम्मेदारी से भले मुकर जाएं
उत्तरदाई तो आप रहेंगे ही
यह आपको आज ही समझना होगा
वरना खड़े तो रहेंगे प्रश्नों के कटघरे में ही
और फल आने वाली पीढ़ियां को भुगतना होगा

मोहन तिवारी

( मुंबई )

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