
अधर
( Muktak adhar )
( मात्रा भार 16-16 )
अधरों पर जब मुरली बाजे
मोर मुकुट पीतांबर साजे
राधा कृष्ण प्रेम दीवानी
घट घट वासी हृदय बिराजे
अधरों पर मुस्कान ले आती
कविता मंचों पर छा जाती
भाव भरी बहती गंगा है
साहित्य सरिता सबको भाती
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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