उसकी बदज़ुबानी देखिए
उसकी बदज़ुबानी देखिए

  उसकी बदज़ुबानी देखिए 

( Uski badzubani dekhiye ) 

 

 

है फ़रेबी आंखों  उसकी बदज़ुबानी देखिए

ख़तरे में है प्यार की ये जिंदगानी देखिए

 

रह गया इंसान उल्फ़त से भरा लोगों कहा

नफ़रतों की ही यहाँ दिल में रवानी देखिए

 

साज दिल में है नये झूठे वादों के ही मगर

हाँ बजाते जुल्म की डफ़ली पुरानी देखिए

 

जो ग़रीबों पे किये है जुल्म उसने ही बहुत

हर सितम की उसको ही क़ीमत चुकानी देखिए

 

पेट भरके तो नहीं  रोठी खायी है हाँ मगर

है ग़रीबों की निगाहों में ही पानी देखिए

 

मत दिखा तू दौलत का घमन्ड ग़रीबों को मगर

दोस्त दौलत जिंदगी में आनी जानी देखिए

 

इस तरह उससे मिलूं मैं जाऊं ए आज़म भला

प्यार पे मेरे बहुत ही पासबानी देखिए

 

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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