
माँ मुस्कुराओ तुम
( Maa Muskurao tum )
मुस्कुराओ तुम मुस्कुराने पर रोक नहीं है
हंसो नाचो झूमो गाओ तुम कोई टोंक नहीं है
बंदीसों में बंधने की मां तुम्हें जरूरत नहीं है
हर समय कहती हो मुझे कोई शौक नहीं हैl
सब पूछ पूछ कर किया अब पूछने की जरूरत नहीं
बहुत सहेजा हम सबको और सहेजने की जरूरत नहीं
उन्मुक्त उत्कंठ हो हंसो हमने आपकी हंसी सुनी ही नहीं
कमा रहा हूँ मैं अब आराम करो जो किया ही नही
जी लो जिंदगी जो हमारे कारण जी ही नहीं
मां हो आप मां से गलती का कोई सवाल ही नहीं
मां तुम हमेशा सही थी सही हो पूछने की जरूरत नहीं
ना बहा ये आंसू अनमोल है
कर्ज चुका पाऊं इतनी हिम्मत नहीं
डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )
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