नशा प्यार का

नशा प्यार का | Nagma Nasha Yeh Pyar Ka

नशा प्यार का

( Nasha Yeh Pyar Ka )

वो ख़्वाबों में जिस दिन से आने लगा है।
इन आँखों की नींदें चुराने लगा है।

चलाता है सीने पे जादू बला के।
दिखाता है अन्दाज़ नाज़-ओ-अदा के।
उसे देख कर ऐसा लगता है अब तो।
नशा प्यार का दिल पे छाने लगा है।
वो ख़्वाबों में जिस दिन से आने लगा है।
इन आँखों की नींदें चुराने लगा है।

ह़सीं उसके जैसा न देखा कहीं पर।
सितारा है वो आसमां का ज़मीं पर।
उसे देख कर भूल जाता हूं ख़ुद को।
अजब ह़ाल दिल का बनाने लगा है।
वो ख़्वाबों में जिस दिन से आने लगा है।
इन आँखों की नींदें चुराने लगा है।

सुकूं बख़्शता है वो ज़ह्न-ओ-जिगर को।
वही चैन देता है मेरी नज़र को।
बनाकर वो शैदाई आंखों को अपना।
मुह़ब्बत का जादू चलाने लगा है।
वो ख़्वाबों में जिस दिन से आने लगा है।
इन आँखों की नींदें चुराने लगा है।

वो ख़्वाबों में जिस दिन से आने लगा है।
इन आँखों की नींदें चुराने लगा है।

सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़

पीपलसानवी

यह भी पढ़ें:-

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *