नही करते | Nahi Karte
नही करते
( Nahi karte )
वैसे किसी को बेवज़ह आहत नहीं करते
गैरत कोई छेड़े तो मुरव्वत नहीं करते ॥
कोशिश यही रहती न कभी भूल कोई हो
गर हो तो सीखते हैं नदामत नहीं करते ॥
इन्साफ हुआ अंध है गूंगा है ज़माना
बरसर-ए-विधा भी तो हिफाज़त नहीं करते ॥
अहबाब को न चाहिए दुश्मन को यकीं कब
इस वास्ते कभी भी सराहत नहीं करते ॥
दौलत की घूप से भली ग़ुरबत की चांदनी
गैरत से जीस्त जीते खियानत नहीं करते ॥
छल से जो मांगते उन्हें सरताज नवाजिश
दरवेश सच कहे तो समाअत नहीं करते ॥
है देर मगर देख के रंगत -ए-ज़माना
अब सबसे तो याशी यू सआदत नहीं करते ॥
सुमन सिंह ‘याशी’
वास्को डा गामा,गोवा
शब्द :-
नदामत – पछतावा
खियानत – बेईमानी या भ्रष्टाचार, विश्वासघात, फ़रेब, धोका
जीस्त – जीवन
दरवेश – भिखारी
समाअत- दयँ से सुनना
सआदत- अच्छाई, भलाई
सराहत- व्याख्या , सफाइ देना, स्पष्टीकरण
बरसर ए विधा – कानून के क्षेत्र में जो शीर्ष पर हैं