नहीं वो पास मेरे आ रही यादें
नहीं वो पास मेरे आ रही यादें
नहीं वो पास मेरे आ रही यादें!
निगाहे को रुलाती है बड़ी यादें
कभी दिन साथ उसके ही गुजारे थे
सतायें ख़्वाब में आकर वही यादें
बिना मेरा नहीं वो हम सफ़र जीवन
यहां तो बस रुलाने को मिली यादें
उदासी का यहां आलम बहुत रहता
लबों की ले गयी उसकी हंसी यादें
बहुत कोशिका भुलाने की उसे की है
उसकी ही जिंदगी अब बन गयी यादें
वफ़ा की बू नहीं आती गुलिस्तां से
ग़मों की हिज्र की देती कली यादें