कहने को नया साल है

कहने को नया साल है

कहने को नया साल है

 

कहने को नया साल है,
मेरा तो वही हाल है।
वही दिन महीने वही खाने-पीने
वही मरना जीना जिंदगी का जहर पीना
वही जी का जंजाल है ..
कहने को नया साल है..
वही मन में सपने जो पूरे नहीं अपने
जिसके लिए मन प्यासा हर साल नयी आशा
बस आता वही ख्याल है …
कहने को नया साल है…..
वही घर गिरस्ती वही अपनी हस्ती
वही खाना चारा जीने का सहारा
वही रोटी दाल है …
कहने को नया साल है…
वही दोस्त यार वही दोस्तों का प्यार
वही धरती अंबर वही मोबाइल नंबर
वही कॉल मिस कॉल है …
कहने को नया साल है ….
वही रूप रंग है जीने का वही ढंग है
वही बोली भाषा भावों से सजी आशा
वही सुर ताल है …
कहने को नया साल है…

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कवि : रुपेश कुमार यादव
लीलाधर पुर,औराई भदोही
( उत्तर प्रदेश।)

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साल गया है

 

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