नर से नारायण | Nar se Narayan
नर से नारायण
( Nar se narayan )
( Nar se narayan )
“नशा” ( Nasha ) –>हर काम का अपना “नशा”है | 1.हर पल नशे में है दुनियां, कोई तो मिले जो होश मे हो | नशे में डूबे हैं सून्य दिल, कोई तो मिले जो जोश में हो | कोई दौलत के नशे में चूर, डूबा फिरता है राहों मे | कोई इश्क के नशे मे…
कहां गए भरत समान भाई ( Kahan gaye Bharat saman bhai ) आज कहां गए ऐसे भरत समान भाई, यह भाई की भाई जो होते थें परछाईं। आदर्शों की मिशाल थें वो ऐसे रघुराई महिमा जिनकी तुलसी दास ने सुनाई।। ठुकरा दिया था उन्होंने राज सिंहासन, ऐसे वो राम लखन भरत शत्रुघ्न भाई। यह…
आत्महत्या नही करने दूंगा ( Aatmhatya nahi karne doonga ) आत्महत्या नहीं करने दूंगा मैं किसी को मरने नहीं दूंगा।। लडूंगा हर उस परस्थिति से जिसके आगे हार जाते हैं लोग, मैं झुकने की सहमति नहीं दूंगा हार में भी जीत है जानते हैं सभी में समाधान कोई निकाल लूंगा पर संघर्ष पथ से…
अधर ( Muktak adhar ) ( मात्रा भार 16-16 ) अधरों पर जब मुरली बाजे मोर मुकुट पीतांबर साजे राधा कृष्ण प्रेम दीवानी घट घट वासी हृदय बिराजे अधरों पर मुस्कान ले आती कविता मंचों पर छा जाती भाव भरी बहती गंगा है साहित्य सरिता सबको भाती कवि : रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला…
नवरात्रि (दिकु के इंतज़ार में) तेरे चरणों में माँ, सारा जहाँ झुका है,तेरी ममता से जीवन, हर खुशी से भरा है।अब तेरे आशीर्वाद से, हर दुख दूर करा दे,और कुछ नहीं चाहिए माँ, मेरी बस यही बिगड़ी बना दे। नवरात्रि की हर रात, चलती है माँ तेरे नाम पर,दिकु का इंतजार है, इस दिल के…
खाए हो चोट दिल पे! ( Khaye ho chot dil pe ) ( मुजरा ) खाए हो चोट दिल पे मरहम लगाऊँगी, रफ़्ता-रफ़्ता सइयाँ मैं अपना बनाऊँगी। तसव्वुर मेरे हरदम रहोगे, कुंवारे बदन का रस भी चखोगे। काँटों की सेज छोड़, फूल पे सुलाऊँगी, रफ़्ता-रफ़्ता सइयाँ मैं अपना बनाऊँगी, खाए हो चोट दिल पे…