नशा सिगरेट का
नशा सिगरेट का
इस तरह घर जाऊं अपनें ऐ यारों
चढ़ गया मुझको नशा सिगरेट का
जिंदगी कर देगी तेरी ख़ाक ये
मत रख लब पे सिलसिला सिगरेट का
जिस्म ये बेजार कर देगी तेरा
छोड़ दें तू रास्ता सिगरेट का
जल गये यादों भरे ख़त मेज पे
कल कागज ऐसा फटा सिगरेट का
और कुछ अच्छा नहीं लगता मुझे
कश जब से ही पिया सिगरेट का
भूल गया था दर्द आज़म जीस्त के
कल नशा ऐसा हुआ सिगरेट का