नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) नवम दिवस
नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) नवम दिवस
भुवाल माता सबकी आँखों के तारे ।
जन – जन की प्यारी भुवाल माता ।
आस्था की आधार भुवाल माता ।
सबके ह्रदय में करती वास माता ।
सचमुच माता का दर्शन क्रान्त हैं ।
चिन्तन माता का निभ्रान्त हैं ।
सबके सपनों की आकार माता ।
आस्था पर ज्योति उभारती माता।
सत्य – शोध में सहायक बनती ।
माता ने सभी को अपने में रमाया ।
माता ने अपना श्रम दिया ।
छाजेड़ कुल को माता ने सींचा ।
हम सब हैं बहुत शोभागी ।
माता का साया पाया ।
भुवाल माता हैं पर – उपकारी ।
हम सब माता के हैं आभारी ।
डगमगती नैया का माता पतवार हैं ।
हम सबका मन माता गुलजार करती ।
भुवाल माता का स्मरण सदा मंगलकारी ।
भुवाल माता सबकी आँखों के तारे ।
जन – जन की प्यारी भुवाल माता ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)
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