Nav Varsh ki Masti

नववर्ष की मस्ती | Nav Varsh ki Masti

नववर्ष की मस्ती

( Nav Varsh ki Masti )

 

चल यार अब नव-वर्ष का स्वागत कर लेते है,
ज्यादा नही तो हम थोड़ी-थोड़ी ही ले लेते है।
झूम ले व नाच ले थोड़ा मनोरजंन कर लेते है,
ये रम-विस्की नही तो दो बीयर ही ले लेते है।।

फिर खाएंगे खाना फाइवस्टार होटल चलकर,
जहां बनाते है ये लज़ीज़ मसालें से पकाकर।
मटन-चिकन नही अण्डा-बिरयानी ही ले लेंगे,
एक की हाफ हाफ प्लेट दोनों मित्र मिलकर।।

जिसके पश्चात चलेंगे हम शानदार थियेटर में,
जहां देखेंगे रंगारंग-कार्यक्रम फिल्म व नृत्य।
ख़ूब मज़े लेंगे एवं मस्त होकर हम भी नाचेंगे,
मस्ती ऐसी हम करेंगे पर नही करेंगे कुकृत्य।।

गिर-जायेंगे पड़-जायेंगे व फिर से उठ जायेगें,
परन्तु घर परिवार में किसे ख़बर न होने देंगे।
चलेंगे मोटरसाइकिल पर दोनों ‌मित्र धीरे धीरे,
लेकिन हां, जिस पर हेलमेट दोनों लगा लेंगे।।

ये मौत भी उस पुरूष से कोसों दूर भागती है,
ऐसी अवस्था में एक के दो-दो नज़र आते है।
ग्रहण तो वह चन्द्रमा और सूरज भी झेलते है,
जर्दा-गुटका, खैनी नही तो पान खा आते है।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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