नया साल आया
( Naya Saal Aaya )
मुहब्बत लुटाने नया साल आया
सभी ग़म भुलाने नया साल आया।।
ग़लत – फ़हमियां जो कभी हो गयीं थीं
उन्हें अब मिटाने नया साल आया।।
मुहब्बत के लम्हे जो रूठे हुए हैं
उन्हें फिर मनाने नया साल आया।।
नयी मंज़िलों का हमें जो पता दे
वो रस्ता दिखाने नया साल आया।।
बहुत क़ीमती हैं यह दिन ज़िन्दगी के
हमें यह बताने नया साल आया।।
जो उजड़े थे गुलशन पुराने दिनों में
उन्हें फिर सजाने नया साल आया।।
हुआ उम्र से एक साल और भी कम
यही तो बताने नया साल आया।।
चलो आज इस की सजाते हैं राहें
नया कुछ लिखाने नया साल आया।।
फ़लक जिसमें अब तक सुलगती है दुनिया
वो नफ़रत मिटाने नया साल आया।
डॉ जसप्रीत कौर फ़लक
( लुधियाना )
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