Hindi Poetry | नयन
नयन
( Nayan )
नयनाभिराम नयना, ना नींद है ना चैना।
बेकल नयन अधीर है, काटे न कटे रैना।
मन साँवरे में लीन है,उनसे नही ये कहना।
आयेगे तो पूछूँगी मै, बितायी कहाँ रैना।
जहाँ प्रेम है विरह भी है,राधा जहाँ है कृष्णा।
फिर क्यों तडप रहा है मन,सन्तुष्ट नही तृष्णा।
लिखा मिलेगा भाग्य का,वियोग या कि मिलना।
हुंकार मन में प्रीत है, आनन्द मंद बहना।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )