आफर
आफर

आफर

( Offer )

 

क्या  कोई  ऐसा  भी  है  जो, दुखी  हृदय  घबराए।
प्रेम दिवस पर मुझे बुलाकर,पिज्जा, केक खिलाए।

 

इससे  पहले  भाग्य  अभागा, सिंगल  ही मर जाए।
फोन  करे  हुंकार  को  पहले, आकर  आफर पाए।

 

आँखों  मे  आँखो  को  डाले, मन  की  बात  करेगे।
पुष्प  गुलाब  का  तुम  ले आना, बालों में जड देगे।

 

हाथों  में  हाथों  क़ो  लेकर,  हर   जज्बात  सुनेगे।
अगर  तुम्हारा  मन  होगा  तो, डी जे  पर थिरकेगे।

 

कैण्डल लाइट डीनर होगा, माद्क  स्वर लहरी में।
बिल बस उसको पे करना है, इसी 14 फरवरी में।

 

आफर मेरा नया जो पहले, आएगा वो पाएगा।
वेलेंटाइन को भाग्य वाला ही, मेरे संग बिताएगा।

 

✍?

कवि :  शेर सिंह हुंकार

देवरिया ( उत्तर प्रदेश )

यह भी पढ़ें : 

Hindi Poetry On Life | Hindi Poem -उलझन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here