बोलेंगे

( Bolenge )

रोज़ हम इंकलाब बोलेंगे ?
रोज़ ही बेहिसाब बोलेंगे

ख़ूबसूरत बड़ी फ़बन इसकी
देश अपना गुलाब बोलेंगे

रोशनी प्यार की ही देता है
देश को आफ़ताब बोलेंगे

ये ही मेरी पहचान है जय हिंद
जोर से ही ज़नाब बोलेंगे

पूछेगा जो गवाह में जय हिंद
ये ही अपना ज़वाब बोलेंगे

है वतन की मेरे फ़बन ऐसी
एक खिलता शबाब बोलेंगे

तू ख़फ़ा हो चाहे आज़म से ही
पी नहीं तू शराब बोलेंगे

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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