ओस की बूंदे | Kavita
ओस की बूंदे
( Os ki boonde : Kavita )
( Os ki boonde : Kavita )
चैती ( Chaiti Lokgeet ) काहे गए परदेश सजनवा, काहे गए परदेश। प्रीत मोरी बिसरा के सजनवा,छोड़ गए निज देश। फागुन बीता तुम बिन सजनवा,चैत चढा झकझोर। भरी दोहपरी अल्लड उडे है, गेहूंआ काटे मलहोर। पुरवा पछुआ कभी उडे तो, कभी उडे चकचोर। सांझ ढलत ही चैती गाए तब, नैन बरसाए नीर।…
हे नारी – तुझे नमन ( He nari – tujhe naman ) नारी तू नारायणी तु ही शक्ति अद्वितिया तेरे हर रूप को नमन तु वंदनीया है पूजनीया माँ का रूप धरा जब त्याग की प्रतिमूरत कहलाई पत्नी बहन बेटी बनकर तूने खुश्बू सी फैलाई तू सृष्टि की रचियेता है प्रकृति का अनुपम उपहार…
मैली चादर ( Maili Chadar ) यौवन का वो पड़ाव था, हर बात से अनजान थी, गांव की वो भोली लड़की, अपने शारीरिक अंगों से भी अनजान थी, एक रोज ना जाने क्या हुआ, दर्द से उसका हाल बेहाल हुआ, उठकर देखा जब खुद को, रक्त से सना पाया खुद को, हैरान थी देखकर अपनी…
छोड़ो कल की बातें ( Chhodo Kal Ki Baatein ) छोड़ो कल की बातें जल्दी से संभालो अपना आज; क्योंकि इसी में छिपे हैं- तुम्हारी सफलता के सारे राज छोड़ो कल की बातें । कल क्या हुआ, कल क्या होगा इसकी क्यों करते हो फ़िक्र ? वर्तमान में जो लक्ष्य दिखता उस तक…
इच्छाओं का मर जाना अभी भी जीवित है पुष्प, शाख से टूट जाने के बाद, कर्म उसका महकना है, मंजिल से न बहकना है, हो जायेगा किसी प्रेमिका के नाम या आयेगा वीर की शैय्या पे काम, उसे अभी कर्तव्य पथ जाना है, अपने होने का फ़र्ज़ निभाना है वो जीवित है अपनी इच्छओं पर…
क्रान्ति वीर सुभाष ( Krantiveer subhash ) जो लाखों सिंह सपूत जननि,भारत माता ने जाए हैं ! आख्यानअनगिनत रोमांचक,जगइतिहासों ने गाए हैं ! उनसब में वीसुभाष श्रेष्ठतम, क्रान्तिवीर कहलाए हैं ! उन जैसे कठिन पराक्रम तो,कोई भी ना कर पाए हैं ! साधारण बीज धरा से उठ, साधारण पौधा बन पाया…